जवारे रस से कैंसर और किडनी रोग जैसे गंभीर बीमारियों के इलाज की बात मध्य भारत के निवासियों ने दृढ़ता के साथ स्वीकार की है. जवारे रस यानी क्लोरोफिल के इस्तेमाल से हिमोग्लोबिन स्तर में चमत्कारिक सुधार होने के कारण न शिर्फ़ यहाँ के निवाशियो को कई गंभीर रोगों से छुटकारा मिला है, बल्कि उनका इम्यून सिस्टम पहले से काफी अधिक मजबूत हुआ है. कैमिलोटेक कंम्पनी द्वारा निर्मित क्लोरोफिल के सेवन से यहाँ के लोगों ने अपने स्वास्थ्य लाभ पर जो प्रतिक्रियाये दी हैं. प्रस्तुत है उनमे से कुछ प्रमुख अंश-
१. हिमोग्लोबिन स्तर में सुधार से कमजोर नसों में आई नई जान:
मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर की निवासी श्रीमती महिमा वर्मा ( प्राचार्य, नर्मदा पब्लिक स्कूल, जबलपुर ) ने बताया की वे नसों की जटिल बीमारी से पीड़ित थीं. इनको वायरल फीवर था साथ ही नसों में ताकत न होने के कारण सीढियां नहीं चढ़ सकती थी और न ही चल फिर सकती थी. एक प्रशासनिक पद पर होने के कारण उनके लिए यह एक विकट समस्या थी. श्रीमती वर्मा का हिमोग्लोबिन स्तर गिरकर ७ के स्तर पर आ गया था. फिर इन्होने कैमिलोटेक कंपनी का बयोक्लोरोफिल लेना शुरू किया. कुछ ही दिनों के अंतराल में न शिर्फ़ इनके हीमोग्लोबिन स्तर में सुधार हुआ बल्कि यह ७ से बढ़कर १३.७ के स्तर तक पहुच गया है. अब ये आराम से चल-फिर सकती हैं सीढियां भी चढ़ सकती है. अब वे अपने प्रशासनिक कार्यों में व्यस्त हैं.
२. इम्यून सिस्टम मजबूत होने से जोड़ो के दर्द से मिला छुटकारा:
जबलपुर शहर के ही एक अन्य नागरिक श्री अनिमेश वर्मा (संचालक, अपोलो हास्पिटल इन्फार्मेशन सेंटर) ज्वाइंट में दर्द की समस्या से ग्रसित थे. खून जांच के बाद पता चला की उनका हिमोग्लोबिन स्तर गिरकर ८ हो गया है. कैमिलोटेक उत्पाद बायो क्लोरोफिल के बारे में जानकारी मिलाने के बाद उन्होंने इसका सेवन करना शुरू किया. क्लोरोफिल के सेवन से उन्हें चमत्कारिक लाभ हुआ है अब उनका हिमोग्लोबिन स्तर बढ़कर १४ हो गया है.उन्होंने बताया की पहले के मुकाबले उनकी रोग प्रतिरोधक छमता मजबूत हुई है. अब उन्हें जोड़ो के दर्द से पूरी तरह छुटाकारा मिल गया है.
३. बायो क्लोरोफिल लेने से थैलीसीमिया में मिला लाभ:
जबलपुर के समीप ग्रामीण अंचल के निवासी श्री नीरज मिश्रा ने बताया की उनके मित्र थैलीसीमिया की बीमारी से पीड़ित थे. उन्होंने उन्हें क्लोरोफिल लेने की सलाह दी. क्लोरोफिल लेने के पहले उनके स्वास्थ्य की हालत अत्यंत दयनीय अवस्था में थी. नियमित अंतराल से क्लोरोफिल लेने से उनके स्वास्थ्य में आश्चर्यजनक रूप से सुधार आया है. अब उनका स्वास्थ्य वेहतर है. श्री नीरज मिश्रा ने बताया की बायो क्लोरोफिल पारंपरिक जवारे रस से भी अधिक तीव्रता से स्वास्थ्य लाभ दे रहा है.
4. किडनी की गंभीर वीमारी में क्लोरोफिल से मिला लाभ:
स्थानीय निवासी श्री ज्ञानेश दुबे गंभीर प्रकार के किडनी रोग से पीड़ित है. जिसके लिए उनका इलाज भी चल रहा है. उन्होंने बताया की इस दौरान उन्होंने जवारे रस ( wheat grass juce ) लेना शुरू किया. उन्होंने बताया कि उनके स्वास्थ्य में सुधार आया है. क्लोरोफिल लेने के बाद से उन्हें किडनी रोग की इस बीमारी में अधिक स्वास्थ्य लाभ मिल रहा है. श्री दुबे का हिमोग्लोबिन स्तर में काफी सुधार आया है. अब वे अपने आपको पहले के मुकाबले अधिक स्वस्थ और तरोताजा महसूस करते हैं.
५.जवारे रस (wheat grass juce ) से मिली गंभीर बीमारी से निजात:
बरमान नरसिंहपुर मध्य प्रदेश निवासी श्री सुरेन्द्र कुशवाहा (साफ्टवेयर ईन्जीनियर) ने जवारे रस क्लोरोफिल के बारे में अपने अनुभव को बताया कि उनके गावं में जवारे रस क्लोरोफिल के सेवन से कई लोगों की लाइलाज गंभीर बीमारियाँ ठीक हुई हैं. इसका उन्हें प्रत्यक्ष अनुभव है. उन्होंने बताया कि गंभीर बीमारी से ग्रसित मृतप्राय व्यक्ति जो बिस्तर से भी नहीं उठ पाता था. जवारे रस क्लोरोफिल के सेवन के बाद उसे मैंने चलेते-फिरते देखा. यह मेरे लिए एक चमत्कारिक अनुभव था. श्री कुशवाहा ने बताया कि जवारे रस अलौकिक शक्ति से युक्त होता है इसमे लोगों का अटूट विशवास है. इसी कारण इसके प्रयोग जो लोगो को लाभ मिलता है उसका एक कारण क्लोरोफिल के कारण हिमोग्लोबिन स्तर में सुधार और दूसरा आधार लोगों का विश्वास कि इसमे दैवीय शक्ति का समावेश होता है.
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